घोर कलयुग ! बीच सड़क पर बुजुर्ग के साथ मार*पीट
लोग रोकते रहे पर माना नहीं आरोपी

कलयुग किस चरम पर पहुंच गया है इसका अंदाजा आप इन तस्वीरों को देखकर लगा सकते हैं …… बीच सड़क में देखिए कैसे ये लड़का इस बुजुर्ग व्यक्ति को डंडे से पीट रहा है….
पीड़ित बुजुर्ग दर्द से कराहते रहे, लेकिन हमलावर का दिल नहीं पसीजा, वह बीच सड़क उन्हें लाठियों से पीटता रहा. ये बुजुर्ग अपनी गाड़ी से ऑफिस के लिए जा रहे थे तभी अचानक मोहित नाम का ये लड़का और उसके दोस्त आ गए और पहले इस बुजुर्ग की गाड़ी का शीशा तोड़ा और फिर कार से निकालकर इनकी पिटाई शुरु कर दी…. देखिए किस बेरहमी से इस बुजुर्ग जिनका नाम रघुराज बताया जा रहा है उन्हें पीट रहे हैं … ये मामला राजधानी दिल्ली का है… सोचिए देश की राजधानी के क्या हाल हैं … इस युवक की दबंगई तो देखिए इसमें इंसानियत तो छोड़िए इसे तो कानून का भी कोई डर नहीं है ….
ये बुजुर्ग गिड़गिड़ता रहा कि मुझे मत मारो लेकिन ये लड़का नहीं रुका …. मारपीट में बुजुर्ग के दोनों पैरों में फ्रैक्चर हो गया है. पुलिस के मुताबिक मोहित ने 2 साल पहले आलीगांव में एक प्लॉट खरीदा था और उसमें कंस्ट्रक्शन करवा था. लेकिन एक महीने बाद ही डीडीए ने उसे तोड़ दिया. मोहित को शक था कि रघुराज ने उसकी डीडीए में शिकायत की है. इसी के चलते उसने बुजुर्ग रघुराज की पिटाई की है. फिलहाल पुलिस ने दिल्ली के सरिता बिहार थाने में केस दर्ज कर लिया है और मोहित व उसके साथियों की तलाश कर रही है.बीच सड़क पीड़ित रघुराज की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि शख्स की डंडे से पिटाई की जा रही है. वहीं जब मौके पर मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया तो आरोपियों द्वारा उन्हें भी धमकी दी गई. इस घटना ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल भी खड़े कर दिए हैं. सोचिए ज़रा — ये दिल्ली है!देश की राजधानी… जहां संसद है, जहां से कानून बनते हैं। लेकिन इन्हीं सड़कों पर कानून को इस तरह लाठियों से तोड़ा जा रहा है। और ये वीडियो — सोशल मीडिया पर वायरल है… लोग देख रहे हैं, कमेंट कर रहे हैं, पर सवाल ये है — कब तक बस वीडियो देखकर अफसोस जताते रहेंगे? क्या हम इतने बेबस हो चुके हैं कि एक बुजुर्ग को पिटते देख भी आगे नहीं बढ़ सकते? क्या हम अपने मोबाइल कैमरे तो निकाल लेते हैं, लेकिन इंसानियत नहीं? मोहित और उसके जैसे लोगों को ये हिम्मत आखिर मिलती कहां से है? पुलिस पर सवाल है, समाज पर सवाल है, और सबसे बड़ा सवाल — क्या हमारे अंदर की इंसानियत मर चुकी है? कभी सोचा है… अगर उस बुजुर्ग की जगह आपके पिता या दादा होते,
तो क्या आप भी बस वीडियो देखते रहते? इस कलयुग में सवाल सिर्फ पुलिस से नहीं…हम सब से है।








