चुराह से BJP विधायक हंसराज को जिला एवं सत्र न्यायालय चंबा से राहत मिल गई है। अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत प्रदान की है, हालांकि यह जमानत कुछ शर्तों के साथ दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि विधायक हंसराज पुलिस जांच में पूरी तरह से सहयोग करेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई अब 20 नवंबर को होगी।
गौरतलब है कि विधायक हंसराज पर नाबालिग लड़की ने यौन शोषण और अश्लील चैट के गंभीर आरोप लगाए थे। मामला पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत दर्ज किया गया है। यह विवाद नया नहीं है, बल्कि बीते वर्ष 2024 के अगस्त माह में इसकी शुरुआत हुई थी। 9 अगस्त 2024 को युवती ने विधायक पर अश्लील चैट, नग्न तस्वीरें मांगने और धमकाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद 16 अगस्त को चंबा महिला थाना में FIR दर्ज की गई और कोर्ट में युवती के बयान हुए।
हालांकि कुछ दिन बाद युवती ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर इन आरोपों से मुकर गई थी। उसने कहा था कि यह सब गलतफहमी और मानसिक तनाव में कहा गया था। इसके बाद मामला शांत हो गया था, लेकिन अब एक साल बाद यह विवाद फिर से उभर आया है। बीते हफ्ते युवती ने 7 मिनट से अधिक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो में वह लगातार रोती नजर आई और उसने आरोप लगाया कि उसके परिवार को जान का खतरा है। युवती का कहना है कि विधायक की वजह से उसका परिवार बर्बाद हो गया और पुलिस उसे न्याय नहीं दे रही।
वहीं, इन आरोपों पर BJP विधायक हंसराज ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि युवती के लगाए गए आरोपों से वह बेहद आहत हैं। विधायक का कहना है कि पिछले वर्ष भी युवती ने अदालत में अपने बयान बदल दिए थे और अब किसी के इशारे पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। विधायक ने यह भी सवाल उठाया कि युवती के पास डेढ़ लाख रुपये का मोबाइल और ब्रांडेड कपड़े कहां से आए। उन्होंने युवती की मेडिकल जांच की मांग की और कहा कि वह उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
इसके बाद पीड़िता के पिता भी कांग्रेस नेता यशवंत खन्ना के साथ चंबा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सामने आए। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले साल जब बेटी के कोर्ट में बयान हुए, उसके बाद विधायक के समर्थकों ने बेटी का अपहरण कर शिमला ले गए। आरोप है कि इस दौरान युवती और उसके पिता को धमकाया गया, मोबाइल फोन तोड़ दिया गया और घर जलाने की धमकी दी गई। डर के कारण बेटी ने अपने बयान बदल दिए। यही आरोप पीड़िता के पिता ने हाल ही में पुलिस को दी गई शिकायत में भी दोहराए हैं।
वर्तमान में पुलिस इस पूरे मामले की दोबारा जांच कर रही है। वहीं BJP विधायक हंसराज फिलहाल अग्रिम जमानत पर बाहर हैं। अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि अगर उन्होंने पुलिस जांच में सहयोग नहीं किया तो उनकी जमानत रद्द की जा सकती है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि अदालत में आगे क्या मोड़ आता है — क्या यह मामला एक सियासी साज़िश है या वास्तव में शोषण का गंभीर आरोप साबित होगा।








