राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला शमरोड के कनिष्ठ बुनियादी अध्यापक शशि पाल शर्मा के प्रयासों से 11 जुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे जिनकी आयु 6 से 11 वर्ष है और जो अभी तक किसी भी पाठशाला में नामांकित नहीं थे ये सभी बच्चे पाठशाला में नामांकन के बाद मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं। ये बच्चे सड़कों पर भीख मांगने, कबाड़ इकट्ठा करने जैसे अन्य कई कार्यों में संलिप्त थे।
अध्यापक ने इन बच्चों के माता-पिता को समझाकर और शिक्षा के महत्व को बताकर इनका दाखिला पाठशाला में करवाया ये सभी छात्र पिछले दो महीनों से लगातार पाठशाला आ रहे हैं और शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
अध्यापक ने अपने खर्चे पर इन छात्रों को बैग, कॉपियां व मूलभूत स्टेशनरी मुहैया करवाई है। साथ ही सामुदायिक सहभागिता एवं विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से चंडीगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिभा सिंह ने छात्रों को वर्दियां व जूते भी उपलब्ध करवाए गए हैं ।ये सभी छात्र पाठशाला की शैक्षिक और सह शैक्षिक गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। ये छात्र 10 किलोमीटर दूर से पाठशाला आ रहे हैं। इसलिए इनके बस पास बनवाने के लिए अध्यापक शशिपाल ने सोलन डिपो में आवेदन कर दिया हैं।
केंद्र के अध्यक्ष मनोहर सिंह ने बताया की पाठशाला के सभी अध्यापक इन छात्रों को शिक्षा देने के लिए भरसक पर्यतन कर रहे हैं । इन छात्रों को आयु अनुसार कक्षा में प्रवेश दिया गया है और सभी अध्यापक मिलकर इन बच्चों को उनकी कक्षा स्तर पर लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं ।









