हिमाचल में विवादित संजौली मस्जिद गिराने के आदेश
जिला अदालत ने नगर निगम कमिश्नर के फैसले को सही ठहराया
अब संजौली मस्जिद का पूरा ढांचा हटाना होगा
16 साल पुराना विवाद, 50 से ज़्यादा सुनवाईयाँ
2 गुटों में झगड़े के बाद मामला उभरा सुर्खियों में
हिंदू संगठनों ने लगाया अवैध निर्माण का आरोप
शिमला की विवादित संजौली मस्जिद पर आखिरकार कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है।
एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यजुवेंद्र सिंह की अदालत ने साफ कहा — मस्जिद की सभी मंज़िलें अवैध हैं, पूरा ढांचा हटाना होगा। यानी अब मस्जिद पर बुलडोजर चलना तय है।
दरअसल, 3 मई 2025 को नगर निगम कमिश्नर भूपेंद्र अत्री ने पूरी मस्जिद गिराने के आदेश दिए थे। इस आदेश को वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी ने अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन अब अदालत ने कमिश्नर के फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा — निर्माण बिना अनुमति किया गया, ज़मीन पर मालिकाना हक साबित नहीं हुआ।
यह मामला कोई आज का नहीं, बल्कि 16 साल पुराना केस है। इतने सालों में 50 से भी ज़्यादा बार सुनवाई हुई। 2024 में हाईकोर्ट ने कहा था कि पुराने केस का निपटारा करो, जिसके बाद निगम ने पूरा ढांचा गिराने का आदेश दिया। 2024 में मेहली में दो समुदायों में झगड़ा हुआ। झगड़े में शामिल लोग संजौली मस्जिद में जाकर छिप गए — इसके बाद माहौल गरम हो गया। 1 सितंबर को मस्जिद के बाहर प्रदर्शन हुए, फिर यह विवाद पूरे प्रदेश में फैल गया।
हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों का आरोप — मस्जिद बिना परमिशन के बनाई गई,
वक्फ बोर्ड की जमीन नहीं थी, और न ही नगर निगम से कोई मंजूरी ली गई थी।
11 सितंबर को जब माहौल बिगड़ा, तब मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध हिस्से को तोड़ने की पेशकश की थी।
हिंदू पक्ष के वकील एडवोकेट जगतपाल के अनुसार, अब दूसरा पक्ष चाहे तो हाईकोर्ट जा सकता है, लेकिन अदालत के ठोस आदेशों के बाद उन्हें राहत मिलना मुश्किल है।
अब सवाल बस इतना है — बुलडोजर कब चलेगा?
16 साल पुराना ये विवाद अब अपने अंत की ओर है। अदालत ने साफ कह दिया है — कोई भी मंज़िल वैध नहीं है। अब देखना होगा कि शिमला प्रशासन इस आदेश पर कितनी जल्दी कार्रवाई करता है… क्योंकि इस बार अदालत का फैसला साफ है — अवैध निर्माण हटेगा ही।









