ऊना में विजिलेंस का बड़ा शिकंजा – CGST इंस्पेक्टर 50 हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार…जब कानून के रखवाले ही भ्रष्ट हो जाएं… !
सोचिए… अगर वही अधिकारी, जिन पर जनता की समस्या का समाधान करने की जिम्मेदारी है… जिनका काम कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना है… अगर वही अधिकारी भ्रष्ट हो जाएं, तो आम जनता किस पर भरोसा करेगी? हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना से आज ऐसी ही एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने सीजीएसटी इंस्पेक्टर अंशुल धीमान को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
यह मामला सिर्फ रिश्वत का नहीं… बल्कि उस भरोसे के टूटने का है, जो जनता सिस्टम से करती है।
अंशुल धीमान, जो मूल रूप से कांगड़ा के पालमपुर का रहने वाला है, ने ऊना के एक व्यापारी को धमकाया कि उसका GST गलत है।उसने कहा कि इसकी वजह से व्यापारी को लाखों रुपये पेनल्टी भरनी पड़ेगी।लेकिन पेनल्टी से बचाने के नाम पर इंस्पेक्टर ने पहले 1.50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी… बाद में यह डील 1.25 लाख रुपए में तय हुई।
पीड़ित व्यापारी ने इसकी शिकायत विजिलेंस ब्यूरो में कर दी।
कैसे हुआ ट्रैप ऑपरेशन?
डीएसपी विजिलेंस ऊना फिरोज खान की अगुवाई में टीम ने एक प्लान तैयार किया।
आज यानी मंगलवार को विजिलेंस की टीम ने ऊना स्थित जीएसटी कार्यालय में छापा मारा।
जैसे ही इंस्पेक्टर अंशुल धीमान ने व्यापारी से 50 हजार रुपए की पहली किस्त ली… उसी समय टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया।
विजिलेंस ने मौके से रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली और आरोपी को हिरासत में ले लिया।
डीएसपी फिरोज खान ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बड़ा सवाल**
इस पूरी घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि जब भ्रष्टाचार सरकारी दफ्तरों तक गहराई से पैठ चुका हो, तो आम आदमी न्याय और राहत की उम्मीद कहां से करे?
जनता का सवाल साफ है—
“अगर जनता की रक्षा करने वाले ही भ्रष्टाचार में डूब जाएं, तो फिर जनता किस पर भरोसा करे?”









